नमस्कार दोस्तों
कोर्ट के आदेश के बावजूद भी चला बुलडोजर ?181 साल पुरानी मस्जिद ढहा दी !
despite court order, bulldozer was used? 181 year old mosque demolished!
दोस्तों योगी सरकार इतनी मनमानी हो गई कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश उनके लिए कोई मान्य नहीं रखता यूपी में कोर्ट के फैसले की धज्जियां उड़ाई जा रही है सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा रखी है लेकिन इसके बावजूद यूपी के फतेहपुर में 195 साल पुरानी मस्जिद को धड़ल्ले से गिराया गया जबकि इस मामले पर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर है और इस पर सुनवाई 13 दिसंबर को होनी है मगर योगी सरकार इतनी जल्दी में है कि हाई कोर्ट का फैसला आए बिना कार्य वाई कर दी आप वीडियो में देख सकते हैं कि मस्जिद को गिराने में योगी सरकार के अधिकारी लगे हुए हैं भारी संख्या में पुलिस वहां पर तैनात है ।
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और मस्जिद को ढाया जा रहा है
और मस्जिद को ढाया जा रहा है मस्जिद को गिराने के लिए एक बुलडोजर नहीं बल्कि पांच बुलडोजर को लगाया गया है बताया जा रहा है कि जब कार्रवाई हो रही थी तो लालरी कस्बा यानी जहां पर नूरी मस्जिद है उस इलाके के 25000 लोगों को हाउस अरेस्ट किया गया 500 मीटर एरिया को सील कर दिया गया था किसी को आने जाने की इजाजत नहीं दी गई यहां तक कि ड्रोन कैमरे सेला की निगरानी की गई इस कारवाही पर सरकार का कहना है कि फतेहपुर से बिंदग से बांदा तक बांदा बहराइच हाईवे का चौड़ीकरण करना है नूरी मस्जिद भी हाईवे के रास्ते में आती है मस्जिद को गिराने के लिए पीडब्ल्यूडी ने अगस्त में मस्जिद कमेटी को नोटिस भेजा था फिर मस्जिद कमेटी ने फौरन हाई कोर्ट में इस नोटिस को चुनौती दी इसमें कमेटी की तरफ से कहा गया कि मस्जिद 1839 में बनी थी यानी कि 185 साल पुरानी मस्जिद है हमने कोई अतिक्रमण नहीं किया इस पर नूरी मस्जिद के प्रमुख मोहम्मद मोइन ने आलोचना करते हुए कहा कि मस्जिद राज मार्ग से पहले की है और हटाने का आदेश बाद का है या कहां का इंसाफ है
वहीं दोस्तों इस केस पर इसी महीने 6 दिसंबर को सुनवाई होनी थी लेकिन सुनवाई टल गई और सुनवाई की तारीख बढ़कर 13 दिसंबर कर दी गई मगर सरकार को इतनी जल्दी थी कि हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार भी नहीं किया अपनी पूरी टीम लगा दी मस्जिद को गिराने में 9 दिसंबर को बुलडोजर कार्रवाई की गई हालांकि बताया जा रहा है।
कि नूरी मस्जिद का कुछ ही तोड़ा गया है मगर सवाल है कि जब मामला हाई कोर्ट में है 4 दिन के बाद केस पर सुनवाई होनी थी तो सरकार को किस बात के लिए इतनी जल्दी थी जबकि दोस्तों अक्टूबर के महीने में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के सरकारों से साफ-साफ कह दिया था कि अगले आदेश तक किसी भी तरह से बुलडोजर नहीं चलाया जाएगा लेकिन आपने वीडियो में देखा भी कि किस तरह से मस्जिद पर बुलडोजर चलाया गया हालांकि नूरी मस्जिद पर हुई कार्रवाई कितनी सही या गलत है
इसका फैसला इलाहाबाद हाई कोर्ट में होगा लेकिन जिस तरह सरकार एक के बाद एक मस्जिदों पर किसी नाना किसी बहाने से कारवाही कर रही है उससे सरकार के मंसा पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि पूजा अधिनियम 1991 को अभी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज नहीं किया है और अयोध्या में बाबरी मस्जिद केस के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया था कि जिस भी पूजा स्थल या धार्मिक स्थल की जो भी स्थिति है व अब बरकरार रहेगी लेकिन इसके बावजूद भी कोर्ट के आदेश को कितना माना जा रहा है
आप खबर सही समझ गए होंगे
आप खबर सही समझ गए होंगे फिलहाल देखना होगा कि 13 दिसंबर की सुनवाई में हाई कोर्ट का इस पर क्या क्या फैसला आता है और सरकार की इस कारवाई पर क्या रिएक्शन सामने आता है फिलहाल दोस्तों खबर में अभी के लिए इतना ही खबर पर आपकी क्या है राय आप अपनी राय कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताइएगा नमस्कार
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