meerut रछौता के zaid को क्यों सुनाई गई मौ*त की सजा की पूरी कहानी | #saudiarab | #meerut
दिसंबर 20224 के प्रथम सप्ताह की बात है विदेश की रहने वाली एक लड़की जो कि दुबई घूमने के लिए आती है दुबई घूमते घूमते उसके दिमाग में ख्याल आता है कि क्यों ना एक प्रयोग कर लिया जाए दरअसल उसके दिमाग में आता है कि उसके पास एक बहुत महंगा गोल्ड का हार होता है साथ ही उसके पास एक हीरे की अंगूठी होती है उसने इस गोल्ड के हार और हीरे की उस अंगूठी को एक ऐसी जगह पर रखने का प्लान बनाया जहां से बहुत सारे लोगों का आना और जाना लगा हुआ था ऐसे ही एक मार्केट में पहुंच जाती है फुटपाथ है फुटपाथ के किनारे बहुत सारी महंगी महंगी गाड़ियां खड़ी हुई हैं
साथ ही वह महिला आराम से छिप जाती है और अपने गोल्ड के उस हार को और हीरे की अंगूठी को कार के एक बोनेट पर रख देती है और कार के बोनेट पर रखने के बाद जब छिप जाती है तो उसका एक कैमरा होता है वो कैमरा लगातार चल रहा था लगभग 30 मिनट का समय बीत जाता है इस 30 मिनट के समय में किसी भी व्यक्ति ने जबकि यहां से सैकड़ों लोग यहां से आते हैं जाते हैं उधर निगाह जरूर जा रही थी लेकिन किसी ने भी ना तो उस हीरे की अंगूठी को उठा ने की कोशिश की और ना ही गोल्ड के उस हार को उठाने की कोशिश की जबकि उनकी कीमत बताई जाती है लगभग 12 से ₹ लाख के आसपास वो गोल्ड होता है
और हीरे की अंगूठी होती है जब आधे घंटा बीत जाता है तब उस महिला को पूरा इत्मीनान हो जाता है कि आखिरकार इसको कोई उठाएगा नहीं इसको कोई छुए भी नहीं तभी वो एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर देती है और जैसे ही सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड होता है तो पूरी दुनिया में इस वीडियो की चर्चा होनी शुरू हो जाती है लोग कहने लगते हैं कि कानून तो हर देश में बने हुए हैं लेकिन कानून का दरअसल इन्हीं जगहों पर पालन होता है इसलिए किसी की हिम्मत नहीं पड़ती ना तो कोई चोरी कर सकता है ना ही कोई डकैती डाल सकता है ना ही कोई जो कानून होते हैं चाहे वह ट्रैफिक के कानून हो या फिर वहां के लोकल के बनाए हुए कानून हो इन्हें तोड़ने की किसी में हिम्मत नहीं होती दरअसल आज की कहानी जो मैं आपको सुनाने जा रहा हूं इस कहानी में कुछ ऐसे ही होता है कानून था कानून का पालन करना था लेकिन कानून को तोड़ दिया जाता है और जब कानून टूट जाता है तो उसके बाद उसको सजा सुनाई जाती है
जब इस सजा की जानकारी उस लड़के के घर पर पहुंच जाती है तो ना केवल घर वालों का बल्कि पूरे गांव वालों का रो-रोकर बुरा हाल हो जाता है अब करें तो क्या करें क्योंकि मामला सऊदी अरब से जुड़ा हुआ था वहां के कानूनों का इतनी सख्ती से जो पालन होता है आदाब नमस्कार सत श्री अकाल मैं उस्मान सैफी आज की जो सच्ची घटना मैं आपको सुनाने जा रहा हूं ये सच्ची घटना शुरू होती है सऊदी अरब से दरअसल सऊदी अरब के मंत्रालय में एक पत्र लिखा जा रहा था और जो पत्र लिखा जाता है व पत्र जैसे पूरा कंप्लीट होता है उस पर संबंधित अधिकारी के हस्ताक्षर हो जाते हैं हस्ताक्षर के बाद तत्काल भाव से उस लेटर को भारत के दूतावास में भेज दिया जाता है ताकि देरी ना हो और जब देरी ना हो तो इसलिए जब भारत के दूतावास के उस अधिकारी के पास पहुंचता है तो वह कहते हैं कि इस लेटर को जितनी जल्दी हो सके भारत के विदेश मंत्रालय में पहुंचा दो ताकि किसी भी तरह की कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए भारत के विदेश मंत्रालय में पहुंच पहुंचता है यानी कि दिल्ली आ जाता है और दिल्ली से वो लेटर चलना शुरू होता है तो सीधा उत्तर प्रदेश के जिला मेरठ के जिला अधिकारी के पास पहुंच जाता है और जैसे ही जिला अधिकार के पास वो लेटर पहुंचता है तो वो उस लेटर को आगे फॉरवर्ड कर देते हैं यानी कि एसएसपी मेरठ के पास एसएसपी मेरठ विपिन ताड़ा के पास जैसे ही वोह लेटर पहुंचता है वोह कहते हैं इस लेटर को रोकना नहीं है जितनी जल्दी हो सके वहां पहुंचाए यानी कि संबंधित थाना होता है मुंडाली और वहां की थाना अध्यक्ष होती हैं सोमिया सोमिया एक दिसंबर 2024 की सुबह जब अपनी ड्यूटी पर आती हैं तो ड्यूटी पर आने के बाद अलग-अलग कागजों पर वो सिग्नेचर कर रहे थी तभी एक छोटा सा कागज होता है उस छोटे से कागज पर उनकी नजर पड़ जाती है कागज कुछ इस तरह का था और इसी में उनके हस्ताक्षर भी हैं यही वो कागज है दरअसल इस पर ऊपर लिखा हुआ है नोटिस सूचना इस नोटिस सूचना की गंभीरता को देखते हुए सौम्या जो एसएचओ होती हैं मुंडाली की उन्होंने तत्काल प्रभाव से सीधा गांव की तरफ रवाना होती हैं जो कि रछोटी गांव इनके ही थाना क्षेत्र में लगता है
वहां जाती हैं और पूछा जाता है गांव में कम से कम 10000 लोगों की आबादी है बड़ा गांव है ये वहां जाकर पूछती हैं कि यहां पर जुबैर नाम का कौन व्यक्ति है जिसका बेटे का नाम जैद है अब जैसे यह बात पूछी जाती है तो कुछ लोग तो चुपचाप जाते हैं पुलिस को देखकर अक्सर लोग डर भी जाते हैं लेकिन उन्हें थोड़ी मशक्कत करनी पड़ी आखिरकार पूछते पासत जैसे ही वह जुबैर के घर पहुंचते हैं वहां जाकर पूछा जाता है कि आपका बेटा क्या सऊदी अरब में रहता है जिसका नाम मोहम्मद जैद है वह कहते हैं हां जी है तो सही बोले अच्छा आपके बेटे को फांसी की सजा का हुक्म सुनाया गया है और वह फिलहाल जिहाद सेंट्रल जेल सुमे स सऊदी अरब के अंदर है आप अगर कोई दिक्कत कोई ऐतराज ना हो तो वहां की सरकार ने आपको एक मौका दिया दिया है एक अवसर दिया है यदि आप दया याचिका डालना चाहते हैं अपने बेटे की सजा को कम कराना चाहते हैं या माफ कराना चाहते हैं तो आप दया याचिका डाल सकते हैं यदि वहां की सरकार को सही लगेगा तो हो सकता है कि आपका बेटा बच जाए यदि सही नहीं लगा तो उसकी मौत पक्की है
जैसे ही यह बात सूचना दी जाती है सूचना देने के बाद उसके पिता होते हैं जुबैर उनकी हालत खराब हो जाती है देखते ही देखते घर के पूरे के पूरे सदस्यों को इस बात का पता चल जाता है घर के अंदर उनके उनकी प पत्नी है रिहाना नाम है उनके खुद का नाम जुबैर है उनके सात लड़के हैं दो लड़कियां हैं सात लड़कों में से जो तीन बड़े लड़के हैं जिस मोइन जैद फैसल यह सऊदी अरब में नौकरी करते हैं नौकरी गया ड्राइवरी का काम करते हैं वहां से जो 253 हज महीने के मिलते हैं कमाकर देते हैं एक बेटा है जो पुलिस की तैयारी कर रहा है दो बेटे हैं बाकी जो पढ़ाई कर रहे हैं दरअसल जैसे ही खबर मिलती है उसके बाद फिर लोगों को कहानी याद आती है मीडिया वालों का जमघट लगाना शुरू हो जाता है
अब अखबार वाले हो
अब अखबार वाले हो टीवी वाले हो या सोशल मीडिया पर काम करने वाले लोग हो सीधा गांव जाते हैं और गांव जाने के बाद जानकारी जुटाना शुरू कर देते हैं पता चलता है कि जुबैर का दूसरे नंबर का लड़का है जिसका नाम जैद होता है जैद साल 2018 में सऊदी अरब के लिए गया था और सऊदी अरब के लिए जो गया था वो ज्यादा पढ़ा लिखा तो था नहीं उसको एक ही काम आता है ड्राइवरी करना यानी कि कोई भी वाहन चला सकता है गाड़ी चला सकता है कार चला सकता है इसकी वो तैयारी करके गया था उसके पास पूरे अपने डॉक्यूमेंट होते हैं जब वहां पर जाता है तो एक सऊदी अरब की कंपनी होती है उस कंपनी में उसको एक नौकरी मिल जाती है लेकिन जैसे ही उसने उस नौकरी में उसने जवाइन किया तो उसको ऐसा लगता है जैसे कि यहां पर वेतन कम है यदि यहां की जगह को दूसरी जगह स्विच करें तो शायद ज्यादा पैसे मिल जाएंगे इसलिए हर दिन काम जरूर करता था लेकिन उसे कम वेतन का मलाल रहता था कि जिस हिसाब से वह यहां आया था उस हिसाब से उतने पैसे तो मिलते नहीं है घर वालों को भेजे तो क्या भेजे बचाए तो क्या बचाए खुद खाए तो क्या खाए इसलिए एक साल उसका कैसे गुजर जाता है उसको पता नहीं चलता एक साल के बाद वह स्विच करता है एक दूसरी कंपनी में अल जाफर कंपनी में व स्विच कर लेता है व जाता है जॉइन कर लेता है और वहां पे वह गाड़ी चलाता है
अब वहां पर उसको
अब वहां पर उसको तनख्वा भी ठीक मिलने लगती है उसकी लाइफ एकदम से बढ़िया सी चल रही थी कोई दिक्कत नहीं कोई परेशानी नहीं ऐसा लग रहा था जैसे कि मुंह मांगी मुराद उसकी पूरी हो चुकी है अब सब कुछ बिल्कुल ठीक चल रहा है लेकिन एक दिन उसकी कार का एक्सीडेंट हो जाता है कार का एक्सीडेंट कुछ ज्यादा बड़ा था जैसे ही मालिक को यह बात पता चलती है तो मालिक को बहुत ज्यादा गुस्सा आता है जैद को समझाने की कोशिश की जाती है लेकिन जैद करता तो क्या करता गाड़ी तो काफी हद तक उसमें नुकसान हो चुका था इसलिए मालिक का गुस्सा वो बर्दाश्त से बाहर हो जाता है और मालिक बताया जाता है कि इस जैद पर एक मुकदमा दायर कर देता है कार की कीमत की वसूली का वो मुकदमा दायर कर देता है अब जैसे इसको लड़के को ये लगता है कि क्योंकि जैसे गल्फ कंट्रीज में कोई भी कार की कीमत अगर देखी जाए सामान्य कार भी होती है वो 20-30 लाख से कम की होती ही नहीं है लेकिन अगर किसी बड़े सेट की गाड़ी अगर चलाई जाती है तो पता चलता है कि 1 करोड़ दो करोड़ 3 करोड़ तक की कीमत की गाड़ियां हो होती हैं
अब ऐसी स्थिति में वो
अब ऐसी स्थिति में वो एक मजदूर जो ड्राइवर है वो कहां से इतने पैसे का इंतजाम करेगा मौका मिलता है और वहां से भाग जाता है जब भाग जाता है तो उसके बाद फिर वह करे तो क्या करें क्योंकि वापस भी नहीं आ सकता उसकी पूरी जानकारी सब कुछ जब हम कहीं विदेश जाते हैं तो एक-एक चीज की जानकारी हमें देनी पड़ती है हमारा रिकॉर्ड अच्छा रहेगा तो हम दोबारा फिर से भी जा सकते हैं रिकॉर्ड खराब हो गया तो फिर कभी नहीं जा सकते आखिरकार इसको एक पुलिस वाले से मुलाकात हो जाती है जैसे पुलिस वाले से मुलाकात होती है तो पुलिस वाले जैद की बातें सुनने के बाद बड़ा अ इमोशनल हो जाता है व कहता है कि तुम्हें परेशान होने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है तुम मेरे साथ काम करो मेरी गाड़ी है मेरे परिवार के लोगों को लाओ ले जाओ और जो भी तनख्वा है मैं तनख्वाह देता रहूंगा अब ऐसे जैसे फरिश्ते की तर तरह से वो पुलिस वाला मिल जाता है और जैद के जैद उसके लिए काम करना शुरू कर देता है जैद आराम से काम कर रहा था आना जाना जो भी उसका होता था लेकिन किसी ने मुखबीर दी जब मुखबीर के बाद पता चलता है कि इसकी कार के अंदर नशीला पदार्थ रखा हुआ है पुलिस ने उसको चारों तरफ से घेर लिया था
उसने बचने की कोशिश की लेकिन बच नहीं पाया उसके पास दो बैग रखे हुए थे नायलॉन के वो बैग होते हैं एक बैग को खोला जाता है तो इसमें क्रिस्टल मैथ ड्रग इसके एक नाम होता है एक ड्रग्स का तो ड्रग पाया जाता है जिसकी वजन होता है लगभग 400 ग्राम के आसपास एक और बैग होता है उस बैग के अंदर क्रस्ट ड्रग पाया जाता है जिसका वजन होता है 305 ग्राम कुल मिलाकर 705 ग्राम इसका पास ड्रग्स पाया जाता है नशीला पदार्थ पाया जाता है और जैसे य पता चलता है जब पुलिस ने इस मामले की जांच पड़ताल की तो उसके एक दोस्त निकलता है सहयोगी निकलता है जो कि पाकिस्तान का रहने वाला होता है पुलिस उसको भी पकड़ती है जैद को भी पकड़ती है इन दोनों को पकड़ने के बाद गिरफ्तार किया जाता है और 15 जनवरी 2023 को इनको जेल में डाल दिया जाता है और जब जेल में जाते हैं तो उसके बाद जैसे इंडिया में कोई केस होता है और केस के बाद फिर पैरवी होती है पुलिस चार्जशीट लगाती है अदालत मामला पहुंचता है वकील जिरह करते हैं जज सुनवाई करते हैं इस तरह से लगातार व तारीख पर तारीख पढती रहती हैं और तारीख पर तारीख पढने के बाद यहां मामला सरकार से सीधा-सीधा टकराव की स्थिति बन जाती है क्योंकि यहां किसी का मर्डर नहीं हुआ है बल्कि सरकार यानी कि पुलिस ने पकड़ा है और सरकार ही पैरवी कर रही है ऐसी स्थिति में जो भी पुख्ता सबूत इनके खिलाफ जुटाए जा सकते थे पुख्ता सबूत जुटाए जाते हैं मीडिया रिपोर्ट यह कहती है जैद और जो पाकिस्तानी वो लड़का उसका सहयोगी होता है इन्होंने अपने जुर्म को कबूल कर लिया जैसे ही अपना जुर्म कबूल कर लिया जाता है क्रिमिनल कोर्ट मक्का की जो अपराधिक न्यायालय होता है वहां पर संयुक्त जजों की टी पीठ बैठती है उन्होंने पूरे मामले की सुनवाई की सुनवाई करने के बाद इन दोनों को सजाए मौत का हुकुम सुना दिया कि तुमने जो अपराध किया है यानी कि तुम्हारे पास 705 ग्राम का जो नशीला पदार्थ पाया गया है ड्रग्स पाई गई है इसके अपराध के जुर्म में आपको सजाए मौत का हुक्म सुनाया जाता है दरअसल जैसे सजाए मौत का यह हुक्म सुनाया जाता है जाहिर सी बात है हड़कंप मचना तय था यह जो रछोटी गांव है जिस गांव का य जैद रहने वाला होता है उस गांव की आबादी बताई जाती है 10000 के आसपास ऐसा कोई घर होगा शायद जिस घर से कोई लड़का कोई आदमी सऊदी अरब में ना हो लगभग बताया जाता है कि 650 से 700 ऐसे लोग हैं जो सऊदी अरब में नौकरी करते हैं और मोस्टली सत प्रतिशत 99 पर ऐसे लड़के हैं जो ड्राइवर का ही काम करते हैं हालांकि पिछले दिनों एक मोहम्मद मुस्लिम नाम का एक लड़का होता है वो भी ड्राइवर ही था उसका मर्डर हो जाता है किन कारणों से उसका मर्डर हुआ था जबकि इस गांव के बहुत सारे लड़के हैं जो वहां काम करते हैं लेकिन कभी किसी के साथ ना कोई आपराधिक वारदात हुई है ना ही कोई घटना हुई है लेकिन एक मोहम्मद मुस्लिम था जिसका मर्डर हो जाता है उसके मर्डर के बाद क्या हुआ उसके बारे में कोई ज्यादा जानकारी मिल नहीं पाई लेकिन 600 700 लोगों में जैसे सबको पता चलता है कि जैद के साथ कुछ इस तरह की घटना हो चुकी है तो 15 जनवरी 2023 से लेकर यह मामला लगातार चल रहा था जब अदालत इन्हें मौत की सजा सुना देती है वहां पर फांसी नहीं दी जाती बताया जाता है कि वहां पर चौराहे पर आदमी के हाथ बांधकर उसे बिठाया जाता है और उसकी गर्दन को कलम कर दिया जाता है इसी तरह से हो सकता है कि इसके साथ भी कुछ ऐसी ही वारदात हो लेकिन जब सऊदी अरब के जो वहां की गवर्नमेंट सरकार है।
https://youtu.be/umS5DS–gXk?si=QT8QVocLehC09_A5
वहां क्योंकि राजतंत्र है वहां पर राजा हैं तो इसलिए उन्होंने उनकी तरफ से एक मैसेज एक कन्वे होता है यहां इंडिया के लिए कि अगर उसके परिवार के लोग यह चाहते हैं कि वह अपील करना चाहते हैं दया याचिका के लिए तो हम उन्हें एक अवसर दे रहे हैं मौका दे रहे हैं और जैसे ही परिवार के लोगों को यह बात पता चलती है तो परिवार के लोग इस घटना को सुनकर उनका रो-रोकर बुरा हाल हो जाता है उन्हें कोई लीड नहीं मिल रही थी उन्हें कोई लाइन नहीं मिल रही है कि आखिरकार करें तो क्या करें किस रास्ते से जाएं कैसे करें क्या प्रोसेस होता है हालांकि इस मामले में अब बड़ी संख्या में लोग जो जानकार हैं उनकी जानकार लोगों ने परिवार के लोगों से संपर्क करना शुरू कर दिया ताकि जैद की जिंदगी को बचाया जा सके ताकि उसे मौत की सजा से छुटकारा दिलाया जा सके ताकि उसे इंडिया वापस लाया जा सके इस तरह की कोशिश चल रही है और चाहे वह विदेश मंत्रालय हो या भारत सरकार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो या फिर अन्य कोई माध्यम हो उनके माध्यम से लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से अखबारों के माध्यम से टीवी के माध्यम से परिवार के लोग अपील कर रहे हैं कि उनके बेटे को बचा लिया जाए उनका बेटा पूरी तरह से निर्दोष है हालांकि उनके कहने का मतलब यह कि निर्दोष है लेकिन वहां की जो कानून ने इस मामले में कोर्ट में जिरेह हुई है पुलिस ने जो अपनी चार शट लगाई होगी उसके हिसाब से और साथ ही जो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है उसके हिसाब से तो वह अपराधी सिद्ध हो चुका है कब उसको फांसी हो उसके बारे में कुछ कह नहीं सकते लेकिन अगर हम आंकड़ों की बात करें तो साल 2024 में बताया जाता है कि 214 लोगों को मौत की सजा का हुकम सुनाया गया है जिसमें 101 विदेशी हैं और जिनमें 101 विदेशियों में 21 पाकिस्तानी हैं भारत के दो या तीन लोग बताए जाते हैं जिनमें एक जैद भी है अब ये जो आंकड़े हैं लगातार बढ़ रहे हैं साल 2023 की अगर हम बात करें तो 34 लोगों को मौत की सजा दी गई थी और 2022 की अगर बात करें तो 34 लोगों को दोनों साल 3434 लोगों को सजा दी गई थी ये आंकड़ा तीन तीन गुना से कहीं ज्यादा हो चुका है जो विदेशियों को जिसमें अबकी बार साल 2024 में 101 विदेशी हैं और टोटल मिलाकर 200 14 लोग हैं आगे क्या होगा क्या नहीं होगा उसमें बताया जाता है कि जितने भी इन लोगों को सजा सुनाई गई है उसमें काला जादू राजद्रोह हत्या रेप ड्रग इस तरह के जो आरोप हैं उन आरोप में जब सिद्ध हो जाता है उसके बाद यह सजा दी जाती है बीच चौराहे पर लेकर जाते हैं हजारों की संख्या में लोग देख रहे होते हैं उसको बिठाया जाता है हाथ उसके बांध लिए जाते हैं सर पर कपड़ा रखकर और कोई जल्लाद आता है और गर्दन को कलम करके निकल जाता है यानी कि यह एक साथ यह शायद दुनिया के किसी इतिहास में ऐसा पहली पहली नहीं बहसी यहां पर इन देशों में गल्फ कंट्रीज में ऐसा होता है कि अगर कोई अपराध करेगा तो उसके लिए कानून का इतना खोफ पैदा कर देते हैं कि वह कानून का दुरुपयोग करने से पहले कानून को तोड़ने से पहले हजारों बार सोचता है अब देखने वाली बात यह है कि क्या जुबैर अपने बेटों को बचा पाएंगे या नहीं क्या इस गांव का लाडला वापस लौट कर आएगा या नहीं यह तो खैर भविष्य के गर्भ में छिपा है लेकिन जिस तरह की यह घटना होती है उस घटना से लोगों में जो विदेश में यानी कि सऊदी अरब या गल्फ कंट्रीज में नौकरी करने के लिए जाना चाहते हैं उनके अंदर एक डर पैदा हो गया है उन्हें लग रहा है कि कहीं ना कहीं उस पुलिस वाले की ही लापरवाही रही होगी जो उसमें जैद फंस चुका है अब पुलिस वाले की लापरवाही है तो वह जांच में क्यों नहीं आया यह भी एक तरह का सवाल है दोस्तों इस पूरे घटनाक्रम को सुनाने का उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं है किसी का दिल दुखाना नहीं है बल्कि आपको जागरूक करना है आपको सचेत करना है कुछ भी करने से से पहले कानून को ना तोड़े बस चाहे वह अपने देश में रह या विदेश में रह जाते-जाते बिहार के रहने वाले हैं हमजा अली अररिया के मोहम्मद मुस्तकीम हैं शाजापुर से मनीष ठाकुर हैं नीरज सिंह अनाबे बिया से हैं अब्दुल रहमान आज इनका जन्मदिन है इन सभी को जन्मदिन की ढेरों सारी शुभकामनाएं साथ ही अबधेश सक्सेना है और उनकी पत्नी सीता सक्सेना आज उनकी शादी की सालगिराह है और रूपा साहू जो कि नागपुर के रहने वाले हैं आज इनकी भी शादी की साल ग्रह है इनकी शादी की सालगिराह की अबदेश सक्सेना जी सीता सक्सेना जी साथ ही रूपा साहू आपको सालगिराह की बहुत-बहुत शुभकामनाएं बहुत-बहुत मुबारकबाद साथ ही कुछ लोगों ने नाम लेने की अपील की है जिसमें अर्जुन पंडित आश मोहम्मद सुरेंद्र निषद बंटी सादिया खातून साजिया खातून कुशीनगर से खुश दिल खान बंगाल से हैं उमर खान प्रयाग प्रयागराज से देवेंद्र यदुवंशी बांदा से मोहम्मद रियाज सूरत से मोहम्मद अली बस्ती से उपेंद्र कुमार फतेहपुर से राजेंद्र राजेश निषद औरैया से विजय कुमार कुवैत से आप सब लोग अपना ख्याल रखें सुरक्षित रहे जय हिंद जय भारत
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